मुस्लिम पति के गुण | जानने अल्लाह

मुस्लिम पति के गुण


Site Team

मै 18 वर्ष की एक लड़की हूँ, मुझे पाँच बार शादी का प्रस्ताव दिया गया लेकिन मैं ने उन सभी को मना कर दिया क्योंकि (उस समय) मैं छोटी थी और अब मैं शादी के बारे में सोच रही हूँ, मेरा प्रश्न यह है कि :
एक अच्छे मुसलमान को पाने के लिए मुझे किस चीज़ की तलाश करनी चाहिए ॽ सबसे महत्व पूर्ण चीज़ें क्या हैं ॽ



ऐ प्रश्नकर्ता बहन, हम आपकी उन गुणों को तलाश करने की उत्सुकता पर आभारी हैं जो अल्लाह की इच्छा से एक नेक पति के चुनाव पर सहायक हों, हम निम्न में सबसे महत्वपूर्ण गुण का उल्लेख कर रहे हैं जिसका उस व्यक्ति के अंदर पाया जाना उचित है जिसे आप चुनेंगी या एक पति के रूप में उसे पसंद करेंगी और वह आप के बेटों का बाप होगा यदि अल्लाह ने आप दोनों के बीचे बेटे को मुक़द्दर किया।

- दीन (धर्मनिष्ठा) : और यह सबसे महान गुण है जिसका उस व्यक्ति के अंदर पाया जाना उचित है जिस से आप शादी करना चाहती हैं, चुनांचे इस पति को अपने जीवन में इस्लाम के सभी प्रावधानों का प्रतिबद्ध मुसलमान होना चाहिए, तथा औरत के सर परस्त (अभिभावक) को ज़ाहिरी चीज़ों को छोड़ कर इसी चीज़ को तलाश करने का लालायित होना चाहिए, और सबसे महान चीज़ जिसके बारे में पूछ ताछ करनी चाहिए वह इस आदमी की नमाज़ है, क्योंकि जिसने अल्लाह सर्वशक्तिमान के हक़ को नष्ट कर दिया वह उसके अलावा के हक़ को और अधिक नष्ट करने वाला होगा, और मोमिन अपनी पत्नी पर अत्याचार नहीं करता है, यदि वह उस से प्यार करता है तो उसका सम्मान करता है, और यदि वह उस से प्यार नहीं करता है, तो उस पर अत्याचार भी नहीं करता है और न उसका अपमान करता है, और सच्चे मुसलमानों के अलावा में यह गुण बहुत कम ही पाया जाता है। अल्लाह तआला ने फरमाया :

 ﴿وَلَعَبْدٌ مُّؤْمِنٌ خَيْرٌ مِّن مُّشْرِكٍ وَلَوْ أَعْجَبَكُمْ﴾ [سورة البقرة : 221]

“और ईमानवाला (विश्वासी) गुलाम (दास) आज़ाद मुशरिक से अच्छा है, अगरचे कि तुम्हें मुशरिक अच्छा लगे।” (सूरतुल बक़रा : 221).

तथा अल्लाह तआला ने फरमाया :

﴿إِنَّ أَكْرَمَكُمْ عِندَ اللَّهِ أَتْقَاكُمْ﴾ [سورة الحجرات : 13]

“अल्लाह के निकट तुम सब में सबसे इज़्ज़त वाला वह है जो सबसे अधिक डरने वाला है।” (सूरतुल हुजुरात : 13).

तथा अल्लाह तआला ने फरमाया :

﴿وَالطَّيِّبَاتُ لِلطَّيِّبِينَ وَالطَّيِّبُونَ لِلطَّيِّبَاتِ﴾ [سورة النور : 26].

“और पाक औरतें पाक मर्दों के लायक़ हैं और पाक मर्द पाक औरतों के लायक हैं।” (सूरतुन नूर : 26).

तथा नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया :

जब तुम्हारे पासे कोई ऐसा आदमी (विवाह का प्रस्ताव लेकर) आये जिस के धर्म  (दीनदारी) और व्यवहार (शिष्टाचार ) से तुम सन्तुष्ट (राज़ी) हो तो उस से विवाह कर दो। यदि तुम ऐसा नहीं करोगे तो धरती पर फित्ना (उपद्रव) और बड़ा फसाद (भ्रष्टाचार) पैदा होगा।” इसे तिर्मिज़ी (हदीस संख्या : 866) ने रिवायत किया है और अल्बानी ने सहीह सुनन तिर्मिज़ी (हदीस संख्या : 1084) में इसे सहीह कहा है।

- तथा दीन के साथ यह भी मुस्तहब है कि वह एक अच्छे परिवार और परिचित वंश से हो, अगर औरत के पास दो आदमी शादी के लिए आयें जिनका दर्जा दीन के अंदर एक हो, तो अच्छे खानदान और अल्लाह के आदेश के पालन के साथ परिचित वंश और परिवार वाले को प्राथमिकता दी जायेगी, जबकि दूसरा दीन के अंदर उस से अच्छा नहीं है। क्योंकि पति के रिश्तेदारों की अच्छाई उसके बच्चों में भी सरायत कर जाती है तथा मूल (असल) और वंश का अच्छा होना बहुत से मामूली और अनर्थक चीज़ों से रोक देता है, तथा बाप और दादा की अच्छाई बेटों और पोतों को लाभ पहुंचाती है। अल्लाह तआला ने फरमाया :

﴿وَأَمَّا الْجِدَارُ فَكَانَ لِغُلامَيْنِ يَتِيمَيْنِ فِي الْمَدِينَةِ وَكَانَ تَحْتَهُ كَنزٌ لَّهُمَا وَكَانَ أَبُوهُمَا صَالِحًا فَأَرَادَ رَبُّكَ أَنْ يَبْلُغَا أَشُدَّهُمَا وَيَسْتَخْرِجَا كَنزَهُمَا رَحْمَةً مِّن رَّبِّكَ﴾ [سورة الكهف : 82].

“और जहाँ तक दीवार का मामला है तो वह उस नगर के दो अनाथ बच्चों की थी, जिसके नीचे उन दोनों का खज़ाना गड़ा था, और उन दोनों का बाप एक सदाचारी व्यक्ति था, तो तेरे रब ने चाहा कि वे दोनों जवानी की उम्र को पहुँचकर तेरे रब की दया से अपना यह खज़ाना निकाल लें।” (सूरतुल कहफ : 82).

तो आप देखें कि अल्लाह तआला ने किस तरह दोनों बच्चों के लिए उनके बाप के धन को, उसकी अच्छाई और तक़्वा के कारण उसके सम्मान के तौर पर, उसकी मृत्यु के बाद सुरक्षित रखा। इसी प्रकार अच्छे परिवार और सम्मानि माता पिता से होने वाले पति के मामले को अल्लाह आसान कर देगा, और उसके माता पिता के सम्मान में उसकी रक्षा करेगा।

   - तथा बेहतर है कि वह माल वाला हो जिस से वह अपने आपको और अपने घर वालों को (भीख मांगने से) बचा सके (अर्थात उन्हें खिला पिला सके), क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फातिमा बिंत क़ैस रज़ियल्लाहु अन्हा से उस समय जब वह आप से इस बारे में सलाह (परामर्श) लेने के लिए आईं कि तीन आदमियों ने उन्हें शादी का संदेश (प्रस्ताव) दिया है, तो फरमाया : “रही बात मुआविया की तो वह एक गरीब आदमी हैं उनके पास धन नहीं है।” इसे मुस्लिम (हदीस संख्या : 1480) ने रिवायत किया है। और यह शर्त (ज़रूरी) नहीं है कि वह व्यापारी और धनवान (अमीर) हो, बल्कि इतना पर्याप्त है कि उसके पास आय या धन हो जिस से वह अपने आपको और अपने घर वालों को (लोगों के सामने हाथ फैलाने से) पाक रख सके और उन्हें लोगों से बेनियाज़ कर दे। यदि धन वाले और धर्म वाले के बीच टकराव हो जाए तो वह धर्म वाले को धन वाले पर प्राथमिकता दे।

- तथा बेहतर है कि वह औरतों के साथ कोमल और विनम्र व्यवहार वाला हो, क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फातिमा बिंत क़ैस रज़ियल्लाहु अन्हा की पूर्व हदीस में फरमाया : “रही बात अबू जह्म की तो वह अपने कंधे से लाठी को नहीं उतारते हैं।” यह इस बात का संकेत है कि वह औरतों को बहुत मारते हैं।

- तथा अच्छा है कि वह शारीरिक रूप से स्वस्थ और दोषों से सुरक्षित हो, जैसे कि बीमारियाँ, या विकलांगता और बाँझपन।

- तथा बेहतर है कि वह किताब व सुन्नत का ज्ञान रखने वाला हो, और यह अगर प्राप्त हो जाए, तो ठीक है अन्यथा इसका पाया जाना दुर्लभ है।

- तथा महिला के लिए उस व्यक्ति को देखना जाइज़ है जो उसके लिए शादी का प्रस्ताव लेकर आया है, जिस तरह कि उस आदमी के लिए इसे देखना पसंदीदा है। और यह देखना उसके किसी मह्रम की उपस्थिति में होगा, तथा उसके अंदर सीमा उल्लंघन करना जाइज़ नहीं है कि वह उसे अकेले एकांत में देखे या उसके साथ अकेले बाहर निकले, और बिना जरूरत के बार बार मिले।

- तथा महिला के अभिभावक को चाहिए कि वह अपनी मुवल्लिया को शादी का पैगाम देने वाले के बारे में जाँच पड़ताल करे, और उसके साथ रहने वालों और उसे जानने वालों में से जिसके दीन और अमानत पर उसे भरोसा है उस से इसके बारे में पूछ ताछ करे, ताकि उसके बारे में वह उसे विश्वस्त राय और शुद्ध सलाह दे सके।

- इन सभी चीज़ों से पहले और उनके साथ साथ अल्लाह की ओर दुआ के साथ मुतवज्जेह होना चाहिए कि वह आपके लिए आपके मामले को आसान कर दे और अच्छे चुनाव पर आपकी मदद करे, और आपको मार्गदर्शन और भलाई की तौफीक़ प्रदान करे। फिर कोशिश करने और किसी निर्धारित व्यक्ति पर आपकी राय जम जाने के बाद आपके लिए अल्लाह सर्वशक्तिमान से इस्तिखारा करना धर्मसंगत है।

- तथा इस्तिखारा की नमाज़ का तरीक़ा जानने के लिए प्रश्न संख्या (2217) को देखें - फिर पूरी कोशिश कर लेने के बाद अल्लाह सर्वशक्तिमान पर भरोसा करें, वही बेहतरीन सहायक है।

“जामिओ अहकामिन निसा लिश-शैख मुस्तफा अल-अदवी” कुछ वृद्धि के साथ।

हम अल्लाह सर्वोच्च सर्वशक्तिमान से प्रश्न करते हैं कि आपके लिए आपके मामले को आसान कर दे, आपको मार्गदर्शन की तौफीक़ प्रदान करे, और आप को नेक पति और अच्छी संतान प्रदान करे, वह इसका स्वामी और इस पर सर्वशक्तिमान है। तथा अल्लाह तआला हमारे ईश्दूत मुहम्मद पर शांति अवतरित करे।

इस्लाम प्रश्न और उत्तर

 

शैख मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद
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