एक सच को खोजनेवाला जिसको अभी तक आप नहीं जान र | जानने अल्लाह

एक सच को खोजनेवाला जिसको अभी तक आप नहीं जान र


Site Team

 

प्रिय पाठक! आप परेशान न हों ! कई ऐसे लोग हैं जो उसे आसानी से नहीं पहचान सकेl याद रहे, अल्लाह की पहचान का रास्ता हमेशा गुलाब से बिछा नहीं हुआ करता हैlपवित्र पैगंबर हज़रत मुहम्मद -उन पर इश्वर की कृपाऔर सलाम हो-ने फ़रमाया है :"स्वर्ग कष्टों से घिरा हुआ है" इसलिए अल्लाह को बोध करना कोई आसान काम नहीं है lआइये अब हम एक युवा आदमी के साथ चलते हैं जो मजूसी पैदा हुआ, बल्कि वह पूजा की आग के कोषाध्यक्ष था और उस आग को जलाने का काम करता था जिसे लोग पूजा करते थे और वह उसे हमेशा सुलगा कर रखा करता थाl
किसी दिन यह युवक बाहर निकलता है और देखता है कि लोग अपने एक गिरजाघर में इबादत में लगे हैं जो ईसाई धर्म के माननेवाले हैंlवह उनके काम से प्रभावित हुए और उनको ऐसा लगा कि वे हक़ पर हैं और उनको महसूस हुआ कि ख़ुद उनका अपना धर्म गलत है... इस प्रकार वह उस धर्म में विश्वास कर लेते हैं और उस धर्म के स्रोत का पता करने में लग जाते हैंlबाद में उनको पता चला कि इस धर्म के असल माननेवाले सीरिया में रहते हैं तो वह अवसर के ताड़ में रहे और फिर अपने घर और अपने देश और अपने परिवार को छोड़ कर सीरिया के लिए रवाना हो गएlवहाँ पहुँच कर इस धर्म के माननेवालों का पता करने लगे और कुछ समय बाद एक पादरी से मिले और उनकी अनुमति के बाद उसकी सेवा में रहने लगे , रहते रहते उनको पता चला कि वह एक धोखाधड़ीवाला आदमी हैlजब उसका निधन हो गया तो वह वहां छोड़ कर एक दूसरे पादरी के पास चले गए, शायद उनको हक़ पर देखें और उनकी सलाह को सुन सकें lयहाँ का तरीक़ा यह था किअगर पादरी का निधन हो जाता तो दूसरे पादरी को ज़िम्मेदारी सोंप दी जाती थी l
यह आदमी इस जवान आदमी के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़के साबित हुआ क्योंकि उन्होंने इनको यह सलाह दी कि इस ज़माने में एक नबी उभरनेवाले हैं लेकिन उनका देश कोई दूसरा देश है  और उनकी भूमि कोई दूसरी भूमि है और उनकी जाति कोई दूसरी जाति है lयह सुन कर वह जवान उस पैगंबर और उस धर्म और उस अल्लाह की तलाश में निकल पड़े...उन्होंने अपना सब कुछ इस शर्त पर उस काफ़िला के हाथ बेच दिया कि वे उसे उस जगह पर पहुंचा दें जिसका पता उस पादरी ने दी थी lबाद में लोगों ने उन्हें गुलाम बना लिया किसी खरीदनेवाले के हाथ बेच दिया lजबकि वह पहले ख़ुद गुलामों के मालिक थे लेकिन अब वह अल्लाह और सच्चे रसूल की तलाश में खुद गुलाम बन रहे हैं lअभी वह ज़ियादा दिन नहीं ठहरे थे कि क़िस्मत ने उन्हें अल्लाह के नबी हज़रत मुहम्मद-उन पर इश्वर की कृपाऔर सलाम हो-के आमने-सामने ला खड़ा किया lवह जवान अल्लाह के रसूल को तुरनत पहचान लेते हैं और उनमें वह सारे गुण पा लेते हैं जिनकी ख़बर उस पादरी ने उनको दी थी lजब वह जवान यहाँ तक पहुँच गए तो अब अल्लाह की पहचान का रास्ता उनके लिए आसन हो गया और वहयहाँ पहुँच कर अल्लाह को पहचान लेते हैं lजी हाँ, वह “सचमुच सच्चाई के प्रत्याशी”थे ... जैसाकि हमारे शेख खालिद मुहम्मद खालिद ने “हज़रत पैगंबर के सहयोगी परुष”नामी अपनी पुस्तक में उन्हें “सचमुच सच्चाई के प्रत्याशी”कानाम दिया है lजी हाँ वह सलमान फ़ारसी थे जो अल्लाह की खोज और पालनहार की तलाश में पूर्व से पश्चिम तक यात्रा किये, जंगलों और रेगिस्तानों से गुज़रे और जब उनको पालनहार का पता चल गया तो उसके बहुत ही शानदार भक्त साबित हुए l
प्रिय पाठक ...यदि आप अभी तक अल्लाह सर्वशक्तिमान को नहीं पहचान सके, तो आप हज़रत सलमान के नक्शेकदम पर चलें और तलाश करने की कोशिश करें, और यह जानने का प्रयास करें कि अल्लाह कौन है...lअल्लाह की क़सम अल्लाह को तलाश करना, उसे पाने का प्रयास करना अपने भीतर बहुत बड़ा संतोष रखता है और यह संतोष असीम प्रसन्नता में बदल जाता है जब दास अपने स्वामी को पा लेता है और उसे अच्छी तरह पहचान लेता है l

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