एहराम के कपड़ों में सुगंध लगाना जायज़ नहीं है
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।
जहाँ तक सिर और शरीर में सुगंध लगाने की बात है तो यह नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से प्रमाणित सुन्नत है, और प्रश्न संख्या (106550) के उत्तर में इसका वर्णन हो चुका है।
लेकिन जहाँ तक एहराम के कपड़ों में सुगंध लगाने की बात है तो यह जायज़ नहीं है, क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने मोहरिम (एहराम की हालत में व्यक्ति) को ऐसा कपड़ा पहनने से रोका है जिसमें सुगंध लगा हो। तथा शैख इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह से एहराम के कपड़ों में सुगंध लगाने के बारे में प्रश्न किया गया तो उन्हों ने फरमाया : ‘‘यह जायज़ नहीं है, क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया है : ''तुम ऐसा कपड़ा न पहनो जिसमें ज़ाफरान (केसर) या वर्स (एक प्रकार का पौधा जो रंगाई के काम आता है) लगा हो।’’
मजमूउल फतावा लिब्ने उसैमीन (22/9).