सम्पूर्ण सृष्टि के साथ एकता का एहसास
इन्सान और सृष्टि का एक बनाने और चलाने वाला है। इस बात से इन्सान में एकत्व (Oneness) का एहसास पैदा होता है। वह सब चीज़ों को अपनी ही तरह एक मालिक की मिलकियत या एक सृष्टा की सृष्टि मानकर सबके साथ अच्छा व्यवहार करता है। एकेश्वरवाद इन्सान को व्यापक दृष्टि वाला और विशाल एवं उदार हृदय वाला बनाता है। ऐसा इन्सान अपने लिए जो पसन्द करता है, वही दूसरों के लिए भी पसन्द करता है। वह सबको बराबर समझता है। वह सभी को इज़्ज़त और मुहब्बत का हक़दार समझता है, और किसी को तुच्छ या हक़ीर नहीं समझता।