कोई व्यक्ति सभी रसूलों पर ईमान लाए बिना मोमिन नहीं हो सकता | जानने अल्लाह

कोई व्यक्ति सभी रसूलों पर ईमान लाए बिना मोमिन नहीं हो सकता


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रसूल भेजने वाला अल्लाह है। जिसने किसी एक रसूल का इनकार किया, उसने दरअसल तमाम रसूलों का इनकार किया। क्योंकि इससे बड़ा गुनाह कुछ और नहीं हो सकता कि इन्सान अल्लाह की वह्य को ठुकराए। इस तरह, जन्नत में प्रवेश पाने के लिए तमाम रसूलों पर ईमान रखना ज़रूरी है।

अतः आज हर व्यक्ति को अनिवार्य रूप से अल्लाह के तमाम रसूलों पर ईमान लाना चाहिए, जिसे कार्य रूप में परिणत करने के लिए अल्लाह के अंतिम रसूल मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर ईमान लाना और उनकी शिक्षाओं पर अमल करना ज़रूरी है।

अल्लाह ने पवित्र क़ुरआन में बताया है कि जिसने किसी भी रसूल पर ईमान लाने से इनकार किया, वह अल्लाह के प्रति अविश्वास व्यक्त करने वाला और उसकी वह्य को झुठलाने वाला है।

नीचे दी गई आयत को पढ़िए :

"إنَّ الَّذِينَ يَكْفُرُونَ بِاللَّهِ ورُسُلِهِ ويُرِيدُونَ أنْ يُفَرِّقُوا بَيْنَ اللَّهِ ورُسُلِهِ ويَقُولُونَ نُؤْمِنُ بِبَعْضٍ ونَكْفُرُ بِبَعْضٍ ويُرِيدُونَ أنْ يَتَّخِذُوا بَيْنَ ذَلِكَ سَبِيلًا (निःसंदेह जो लोग अल्लाह और उसके रसूलों के साथ कुफ़्र करते हैं और चाहते हैं कि अल्लाह तथा उसके रसूलों के बीच अंतर करें तथा कहते हैं कि हम कुछ पर ईमान रखते हैं और कुछ का इनकार करते हैं और चाहते हैं कि इसके बीच कोई राह अपनाएँ।أُولَئِكَ هُمُ الكافِرُونَ حَقًّا وأعْتَدْنا لِلْكَفَرَيْنِ عَذابًا مُهِينًا﴾". यही लोग वास्तविक काफ़िर हैं और हमने काफ़िरों के लिए अपमानकारी यातना तैयार कर रखी है।)

[4: 150, 151]

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