उम्मीद और डर | जानने अल्लाह

उम्मीद और डर


Site Team



एकेश्वरवाद का मानना इस बात को मानना है कि अल्लाह अत्यन्त दयावान है, माफ़ करनेवाला है, मगर न्याय और इन्साफ़ करनेवाला और कठोर सज़ा देने वाला भी है। यह बात इन्सान को उम्मीद और डर के बीच रखती है, क्योंकि अगर केवल उम्मीद ही उम्मीद हो, तो इन्सान ढीठ हो सकता है और बेझिझक गुनाह कर सकता है, लेकिन अगर केवल डर ही डर हो तो इन्सान निराशा का शिकार हो सकता है।
उम्मीद और डर के बीच वाली स्थिति उमर (रज़ियल्लाहु अन्हु) के कथन से पूरी तरह स्पष्ट हो जाती है, जिसमें उन्होंने कहा है—

‘‘अगर आसमान से आवाज़ आए कि एक आदमी दुनिया में से नरक में जाएगा, तो मैं समझूंगा कि वह मैं हूं और अगर आसमान से आवाज़ आए कि एक आदमी दुनिया में से स्वर्ग में जाएगा, तो मैं समझूंगा कि वह मैं हूं।’’

Previous article Next article

Related Articles with उम्मीद और डर

  • आशावाद, न कि निराशावाद

    Site Team

    दुनिया की सारी तरक़्क़ियों और आविष्कारों (Discoveries) के पीछे एक चीज़ होती है और वह है उम्मीद (Hope), कामयाबी की

    18/09/2013 2926
  • एकेश्वरवाद का मानव-जीवन पर प्रभाव

    Site Team

     मैं अति मेहरबान और दयालु अल्लाह के नाम से आरम्भ करता हूँ। إن الحمد لله نحمده ونستعينه ونستغفره، ونعوذ بالله من

    15/09/2013 2364
  • अक़ीदा के लाभ एवं प्रतिकार

    मुह़म्मद बिन सालेह अल-उसैमीन

    इन महान नियमों पर आधारित यह उच्च अक़ीदा अपने मानने वालों के लिए अति श्रेष्ठ प्रतिफल एवं परिणामों का वाहक है।

    12/04/2018 4642
जानने अल्लाहIt's a beautiful day