अब्दुल्लाह की शादी की कहानी
अब्दुल्लाह बिन अब्दुल मुत्तलिब बड़े होगए। वह क़ुरैश के युवाओं में सबसे सम्मानित, सबसे श्रेष्ठ नैतिकता वाले, और सबसे सुंदर दृश्य वाले थे। अब्दुल मुत्तलिब ने अपने बेटे को देखा कि वह बड़े हो गए हैं, तो उन्हों ने उनकी शादी करने के बारे में सोचा। क्योंकि जाहिलियत के समय काल में अरबों के अंदर व्यभिचार बड़े पैमाने पर फैली हुर्इ थी। किंतु अब्दुल मुत्तलिब अपने बच्चों का पालन पोषण पवित्रता, शु़द्धता और सतीत्व पर करते थे। अब्दुल मुत्तलिब ने उनके लिए आमिना बिन्त वहब से शादी करने का प्रस्ताव रखा जो कि बनू ज़हरा की सबसे पवित्र महिला और उनकी नायिका थीं। अब्दुल्लाह ने आमिना से विवाह कर लिया। एक पुनीत पुरूष और एक पुनीत महिला के बीच इस शुभ विवाह पर मक्का के सभी लोग खुशी से झूम रहे थे। अब्दुल्लाह ने आमिना के साथ कुछ महीने बिताने के बाद, उनसे अनुमति लेकर व्यापार के लिए निकल पड़े, लेकिन वह अपने रास्ते में मदीना के अंदर ही मृत्यु पा गए, जबकि अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम आमिना के गर्भ में थे। जब क़ाफिला वापस लौटा तो आमिना ने अपने पति की प्रतीक्षा की, किंतु वह वापस नहीं लैटे। उन्हें पता चला कि उनकी मृत्यु हो चुकी है। वह उन पर बहुत दु:खी हुर्इं, उनके पिता अब्दुल मुत्तलिब को भी उन पर बहुत शोक हुआ, और सभी लोग अब्दुल्लाह के बेटे के जन्म की प्रतीक्षा करने लगे।