इच्छाओं को क़ाबू में करना
इन्सान और उसकी इच्छाओं के बीच दो में से एक ही रिश्ता हो सकता है—या तो इन्सान इच्छाओं को कंट्रोल करे या इच्छाएं इन्सान को कंट्रोल करें। जब इन्सान एकेश्वरवाद (तौहीद) अर्थात् एक और सिर्फ़ एक अल्लाह को मानता है तो अल्लाह की मर्ज़ी के सामने अपनी मर्ज़ी और इच्छाओं को त्याग देता है। इस तरह उसकी इच्छाएं उसके क़ाबू में रहती हैं।