इस्लाम यह है कि
आप इस बात पर विश्वास रखें कि इस सुष्टि और इस में मौजूद चीज़ों का एक उत्पत्तिकर्ता और रचयिता है, जो एकमात्र अल्लाह है जिस का कोर्इ साझी नहीं। वह आसमानों के ऊपर है, अपनी सृष्ट से अवगत है, उन्हें देखता और सुनता है। तथा वही इबादत -उपासना और आराधना- का पात्र और आधिकारिक है। आप अल्लाह के अतिरिक्त किसी अन्य की पूजा और उपासना को त्याग दें। तथा आप यह विश्वास रखें कि अल्लाह ने मनुष्य को निरर्थक और अकारण नहीं पैदा किया है, बलिक उन्हें अपनी उपासना और आराधना के लिए असितत्व प्रदान किया है। तथा महाप्रलय के दिन उन्हें पुन: जीवित कर के उठाए गा और संसार में वे जो कुछ कार्य किया करते थे उस का हिसाब लेगा।