दुश्मन की लाशें उसके हवाले करना
अहज़ाब की जंग में दुश्मन का एक बड़ा मशहूर घुड़सवार मरकर खाई में गिर गया। काफ़िरों ने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के सामने दस हज़ार दीनार पेश किए कि उसकी लाश हमें दे दीजिए। आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया कि मैं मुर्दे बेचने वाला नहीं हूं। तुम ले जाओ अपने आदमी की लाश।