सरल धर्म-शास्त्र
नि:सन्देह आसानी एंव सरलता इस्लाम की एक महत्वपूर्ण विशेषता है और नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को किसी दो चीज़ों में से एक चीज़ को चयन करने के लिए कहा गया तो आप ने आसान चीज़ को अपनाया जब तक कि यह चीज़ पाप तथा संबंध तोड़ने का कारण न बने और अल्लाह तआला ने फरमाया:
وَمَا جَعَلَ عَلَيْكُمْ فِي الدِّينِ مِنْ حَرَجٍ (الحج: 78).
''और धर्म के बारे में तुम पर कोर्इ तंगी नहीं डाली। (सूरतुल हज्ज:78)
और अल्लाह तआला ने फरमाया:
يُرِيدُ اللَّهُ بِكُمْ الْيُسْرَ وَلاَ يُرِيدُ بِكُمْ الْعُسْرَ (البقرة: 185). ''अल्लाह तआला का इरादा तुम्हारे साथ आसानी का है, सख्ती का नहीं। (सूरतुल बक़्रा:185)
और संदेष्टा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया:
''यह धर्म आसान है”।
पस लोगों पर आसानी करना इस्लाम धर्म का एक मौलिक उद्देश्यअ है। तथा पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने धर्म के अन्दर अतिशयोकित से रोका है, अपने आप पर तथा लोगों के ऊपर कठोरता करने से रोका है, परन्तु यह सरलता वैध तथा अवैध की सीमा को पार न करे, अन्यथा यह अल्लाह की सीमाओं का अपमान करना होगा, पस वास्तविक सरलता वही है जो धर्म के अनुसार हो।