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जंग से पहले जंग के एलान का हुक्म
क़ुरआन में फ़रमाया गया है कि, ‘‘अगर तुम्हें किसी क़ौम से ख़यानत (यानी संधि की प्रतिज्ञा तोड़ने) का
04/12/2014 5387 -
वादा-ख़िलाफ़ी सख़्ती से मना
इस्लाम में प्रतिज्ञाभंग (बदअहदी) को भी सख़्ती से मना कर दिया गया है। अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम)
03/12/2014 5058 -
दुश्मन की लाशें उसके हवाले करना
अहज़ाब की जंग में दुश्मन का एक बड़ा मशहूर घुड़सवार मरकर खाई में गिर गया। काफ़िरों ने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि
03/12/2014 4885 -
दुश्मन की लाशों पर गु़स्सा न निकाला जाए
इस्लाम में पूरे तौर पर इस बात को भी मना किया गया है कि दुश्मन की लाशों का अनादर किया जाए या उनकी गत बिगाड़ी
03/12/2014 403 -
दुश्मन की लाशों पर गु़स्सा न निकाला जाए
इस्लाम में पूरे तौर पर इस बात को भी मना किया गया है कि दुश्मन की लाशों का अनादर किया जाए या उनकी गत बिगाड़ी
01/12/2014 5106 -
जीते हुए इलाक़े के लोगों से कोई चीज़ मुफ़्त या बिना इजाज़त के न ली जाए
इस बात से भी मना कर दिया गया कि आम आबादी की किसी चीज़ से, मुआवज़ा अदा किये बग़ैर फ़ायदा न उठाया जाए। जंग के दौरान में
01/12/2014 3389 -
दुश्मन क़ौम के देश में आम ग़ारतगरी या लूटमार न की जाए
यह हिदायत भी की गई कि दुश्मनों के मुल्क में दाख़िल हो तो आम तबाही न फैलाओ। बस्तियों को वीरान न करो, सिवाय उन लोगों
01/12/2014 3489 -
बांध कर क़त्ल न किया जाए
‘‘पैग़म्बर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने बांध कर क़त्ल करने या क़ैद की हालत में क़त्ल करने से मना
30/11/2014 3460 -
ज़ख़्मी पर हमला न किया जाए
‘‘किसी ज़ख़्मी पर हमला न करो।’’ अभिप्राय है वह ज़ख़्मी जो लड़ने के क़ाबिल न रहा हो, न अमली तौर
30/11/2014 3168